समय के साथ बदलता है फिल्‍म मेकिंग का नजरिया : बंदनी मिश्रा

समय के साथ बदलता है फिल्‍म मेकिंग का नजरिया : बंदनी मिश्रा





भारतीय सिनेमा में बंदनी‍ मिश्रा किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। मिथुन चक्रवर्ती, सनी देओल सरीखे स्‍टारों के साथ काम कर चुकीं बंदनी मिश्रा इन दिनों वे भोजपुरी सिनेमा में काफी सक्रिय हैं। जल्‍द ही उनकी एक बेहद महत्‍वपूर्ण फिल्‍म ‘लैला मजनू’ रिलीज होने वाली है। इस फिल्‍म में वे फिल्‍म के अभिनेता प्रदीप पांडेय चिंटू की मां के किरदार में नजर आने वाली हैं। फिल्‍म से उन्‍हें काफी उम्‍मीदें हैं। उनका मानना है कि यह फिल्‍म भारत की गंगा जमुनी त‍हजीब को लेकर एक शानदार मैसेज देने वाली है।

सुल्‍तानपुर, यूपी से आने वाली बंदनी मिश्रा की मानें तो वे इस फिल्‍म में एक डॉमेनेटिंग मदर की भूमिका में हैं, लेकिन कुछ मामले ऐसे होते हैं, जहां बेटे खुशी के लिए मां को झुकना पड़ता है। मां अपनी औलाद के लिए सब सह लेती है। इस फिल्‍म में भी यह रिश्‍ता बखूबी नजर आने वाला है। मेरे अपोजिट इसमें भोजपुरी के दिग्‍गज अभिनेता गोपाल राय हैं। बंदनी ने मरते दम तक, अग्नि, अर्जुन पंडित समेत तकरीबन 60 से अधिक हिंदी फिल्‍में और गंगा मईया तोहरे किरया, चलना झूलेला ललन हमार जैसी 55 से अधिक भोजपुरी फिल्‍में कर चुकी हैं। लैला मजनू के अलावा जल्‍द ही उनकी फिल्‍म पांचाली, हॉरर फिल्‍म अब का होई और लाल दुपट्टे वाली भी आने वाली है।

अपने इस व्‍यापक अनुभव के आधार वे कहती हैं, ‘भारतीय सिनेमा इंडस्‍ट्री में वक्‍त के साथ सार्थक बदलाव आये हैं। लोगों की सोच बदली है। चीजों को देखने का नजरिया बदला है। इसका असर सिनेमा पर भी पड़ा है, तो सिनेमा भी बदला है। चाहे वो कहानी के मामले में हो, मेकिंग के मामले में हो या फिर तकनीक के मामले में।यह अच्‍छी बात है।‘ यही वजह है कि बंदनी ‘लैला मजनू’ जैसी पीरियड फिल्‍म को नये सिरे से देखती हैं और उन्‍हें उम्‍मीद है कि यह फिल्‍म दर्शकों को खूब पसंद आने वाली है।

गौरतलब है कि साईं दीप फिल्म्स प्रस्तुत फिल्म 'लैला मजनू' के निर्माता राजकुमार आर पांडे और निर्देशक महमूद आलम हैं। कहानी भी महमूद की है और पटकथा एस के चौहान ने लिखी है। पीआरओ संजय भूषण पटियाला हैं। संगीतकार राजकुमार आर पांडे व प्रमोद गुप्ता का है। गीतकार राजकुमार आर पांडे, श्याम देहाती, नौसाद खान और आशुतोष हैं। डीओपी नागेंद्र कुमार, एक्शन श्री श्रेष्ठ और कोरियोग्राफर कानू मुखर्जी हैं। संवाद संदीप के. कुशवाहा का है।